शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

इन्द्रधनुष-----स्त्री-पुरुष विमर्श पर.. डा श्याम गुप्त के उपन्यास पर...........विविध विचार....1...

इन्द्रधनुष-----स्त्री-पुरुष विमर्श पर... डा श्याम गुप्त के उपन्यास पर...........विविध विचार....1...

















१-प्रकाशकीय



















२-समर्पण --डा श्याम गुप्त










                                 
                                            ३-  इन्द्र धनुष का कथ्य --डा श्याम गुप्त....



           



            
 


  ------------    क्रमश:........ इन्द्रधनुषी विचारों के दरवार में .....  अगली पोस्ट में ......

2 टिप्‍पणियां:

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 ने कहा…

बहुत सुन्दर जानकारी ...पेशे से शल्य क्रिया के प्रवीण डॉ श्याम गुप्त साहित्य की अद्भुत समझ रखते हैं हमेशा उन्होंने साहित्य को उच्च दिशा देने की कोशिश की है ,,विभिन्न विधा पर उन्होंने बहुत कुछ रचा है .....इन्द्रधनुष (उपन्यास-स्त्री-पुरुष विमर्श पर ) की सफलता हेतु बहुत बहुत शुभ कामनाएं ..समाज को एक नयी रौशनी और ऊर्जा देते रहें --सब मंगलमय हो
आप का भी बहुत बहुत आभार इस प्यारी जानकारी को हम सब के साथ बांटने के लिए
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद भ्रमर जी....